शनिवार, 22 अगस्त 2015

"अहंकार के रूप में, अंधकार का मन से निकल जाना, मन में प्रकाश की किरण का फूटना है ॥ यह प्रकाश किरण स्वयं तेज है। " - भगवान की वाणी, सत्य मन्दिर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश, भारत
उपरोक्त का अर्थ है कि जब हम अपने मन से श्रेष्ठता का भाव त्याग देते हैं, तो मन हल्का हो जाता है। अज्ञानता नष्ट होती और ज्ञान का उदय होता है, ज्ञान का उदय होना ही प्रकाश की किरण का फूटना है। यह ज्ञान आत्मा से उत्पन्न होने वाला दिव्य ज्ञान है, अतः इसे तेज कहा गया है ।
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Refrain yourself from ignorance of proud, as soon as we get free from it, we get light of knowledge from divine, this is glow of divine.
As we get divine knowledge, all the ignorance vanishes.
-Tej Prakash

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